Sunday, October 31, 2010

tum bin . .

सूरज के बिना दिन और
चाँद के बिना रात नहीं हो सकती,
आसूं के बिना हसी और
दुरी के बिना नजदीकिया नहीं हो सकती,
तो फिर तुम्हारे बिना
मेरी ये ज़िन्दगी कैसे हो सकती है ? ? ? ? :)